🌟पूर्णा जंक्शन रेलवे डिपो में डीजल चोरी मामले में वरिष्ठ अधिकारी संदेह में घिरें ?


🌟डीजल चोरी मामले में अभियुक्तों को वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रमोशन से नवाज़ा🌟

नांदेड़/पूर्णा (विशेष खबर) :- यहाँ के दक्षिण मध्य रेलवे के नांदेड़ मंडल अंतर्गत पूर्णा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर रेलवे डीजल डिपो में कथित डीजल चोरी मामले की जांच के साथ ही वरिष्ठों की संदिग्ध भूमिका पर सवालिया निशान अंकित हो रहा हैं! रेलवे अधिकारियों को उम्मीद थी कि दक्षिण मध्य रेलवे नांदेड़ मंडल के वरिष्ठ अधिकारी पिछले कई वर्षों से चल रहे डीजल घोटाले की निष्पक्ष और गहन जांच करेंगे तथा घोटाले में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. लेकिन दुर्भाग्य से इस मामले में संबंधित अधिकारियों द्वारा आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पदोन्नति देकर पुरस्कृत किया जाना, संकेत कर रहा है कि इस मामले की लीपापोती का प्रयास कर उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित कर प्रकरण पर पर्दा डाला जा रहा है.

इस दौरान डीजल चोरी मामले के कुछ ही दिन बाद स्टोर रूम में आग लगने की संदिग्ध घटना देखने में आई थी जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच कर मार्च माह में मुख्य कर्मीदल अधीक्षक चेपुरी सुरेश को सीसीसी पद से हटाकर दूसरे अधिकारी को मुख्य कर्मीदल अधीक्षक नियुक्त कर दिया था 04 अप्रैल, 2024, लेकिन संबंधित अधिकारी के खराब स्वास्थ्य के कारण मेडिकल अवकाश पर जाने के बाद और डीजल चोरी का मामला और स्टोर रूम जलने का मामला कुछ हद तक दबा दिए जाने के बाद सीसीसी (मुख्य कर्मीदल अधीक्षक) का पद फिरसे चेपुरी सुरेश को कैसे और किसके आदेश से दिया गया ? नवनियुक्त सीसीसी को कोई पूर्व सूचना दिए बिना आरोपीत पूर्व सीसीसी चेपुरी सुरेश को पदपर नियुक्त किया जाना संदेह पैदा करता हैं

इससे भी गंभीर बात यह है कि पूर्णा रेलवे स्टेशन नंबर एक के जीर्णोद्धार के लिए पुराने भवन सहित कार्यालयों में तोड़फोड़ की जा रही है और यहां निजी क्लर्क के कार्यालय में पिछले दस वर्षों के सिटीआर दस्तावेज (सप्लाई) रखे हुए हैं, जिसमें रेलवे डीजल डिपो के इनफ्लो/आउटफ्लो के संबंध में पूरी जानकारी शामिल है। क्या सीसीसी चेपुरी सुरेश को उक्त सिटीआर को नष्ट करने के लिए आरोपी के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए था ? ऐसे में अब एक संदिग्ध सवाल यह भी उठ रहा है कि जीन आरोपीत लोगो की जांच चल रही है उनमें से सीसीसी चेपुरी सुरेश को फिर से उभी पदपर नियुक्त करने का आदेश किसने और किस नियम के तहत दिया ? यह बहुत बड़ा मामला है और पूर्णा रेलवे डीजल डिपो में हुए डीजल घोटाले के साथ-साथ स्टोर रूम में आग लगाने के मामले की गहन जांच कराने के लिए संबंधित मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए पिछले दस वर्षों से रेलवे डीजल डिपो में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की संपत्ती किभी जांच होणी जरुरी हैं.

इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि पुर्णा रेलवे स्टेशन नंबर एक के नवीनीकरण के लिए पुरानी इमारत सहित कार्यालयों को ध्वस्त किया जा रहा है और पिछले दस वर्षों के सिटीआर दस्तावेज (आपूर्ति) यहां निजी क्लर्क के कार्यालय में रखे गए हैं जीसमें रेलवे डीजल डिपो भी शामिल है। इसमें अंतर्वाह/बहिर्वाह के संबंध में संपूर्ण जानकारी शामिल है। क्या सीसीसी चेपुरी सुरेश को पदबहाली के बाद उक्त सिटीआर सुरक्षित रहेगा ? यह बहुत बड़ा मामला है और पूर्णा रेलवे डीजल डिपो में हुए डीजल घोटाले की गहन जांच के लिए संबंधित मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए साथ ही स्टोर रूम में आग लगी याफीर जानबुझकर लगाई गयी इस बात की जांच भी होती चाहीए.

इस बीच पूर्णा रेलवे डीजल डिपो में हुए डीजल घोटाले में घोटालेबाजों को वरिष्ठ अधिकारियों का जोरदार समर्थन मिल रहा है जीस की वजह से वह मीडिया को धमकाते हुए कह रहे हैं कि हमारा बाल भी बाका नहीं हो सकता हमने सभी को मॅनेज कर दिया हैं इस तरह की बाते अकसर डिजल घोटालेबाज करते दिखाई दे रहे हैं.....

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