🌟करनाल के भांबरहेड़ी गाँव से हूँ, मैं पानीपत के तीसरे युद्ध में बचे वीर मराठों का वंशज हूँ - जगबीर भांबरहेडी
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बालापन तैं हरि भज्यौं, जग तैं रहे निरास ।
नांमदेव चंदन भया सीतल सबद निवास ॥
मैं जगबीर भांबरहेडी…
करनाल के भांबरहेड़ी गाँव से हूँ, मैं पानीपत के तीसरे युद्ध में बचे वीर मराठों का वंशज हूँ मैंने बचपन से ही अपने मराठा पूर्वजों से भक्ति आंदोलन और उसमे संत नामदेव के योगदान के बारे में जाना है मैं आज यहाँ आके ख़ुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ
मुझे हरियाणा में धन गुरुग्रंथ साहीबजी और कबीर के भजनों में संत नामदेवजी के नाम का उल्लेख मिलता हैं मेरे क्षेत्र में सिख बिरादरी के लोगों की अधिक संख्या है, यह संत नामदेव के वचनों का ही कमाल है कि भक्त नामदेव जी के महाप्रयाण से तीन सौ साल बाद श्री गुरु अरजनदेव जी ने उनकी बाणी का संकलन श्री गुरु ग्रंथ साहिब में किया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में उनके 61 पद, 3 श्लोक, 18 रागों में संकलित है जो हमारे क्षेत्र के साथ ही पूरी दुनिया में गूंजते हैं
तन तौल्या तौ क्या भया, मन तोल्या नहि जाइ ।
सांच बिना सीझसि नहीं, नाम कहै समझाइ
संत नामदेव के वचन आज भी प्रासंगिक है और ये मानवता के हित के साथ ही ये सर्व समाज को जोड़ने वाले हैं। मैं हरियाणा के मराठा समाज से संत नामदेव से प्रेरित होकर ही नानक साई परिवार के संत नामदेव साहित्य संमेलन मे यहाँ आया हू । मराठी भाई से हमे बहुत प्यार मिला.. बोकारे जी और उनके टिम दा धनवाद.. आओ पानिपत.. हम सारे अपके भाई है...
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