🌟पूर्णा-नांदेड़ राष्ट्रीय राजमार्गपर रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण और वैकल्पिक सीमेंट सड़कों का काम भी घटिया...!


🌟 महारेल इंजीनियर भूषण गिरी एवंम रेलवे फ्लाईओवर निर्माण कंपनियों की मिलिभगत ?🌟


पूर्णा (विशेष समाचार):- पूर्णा में पूर्णा-नांदेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिंगोली गेट के पास रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण की धीमी गति के साथ-साथ क्षेत्र में वैकल्पिक सड़कों पर किए जा रहे घटिया काम के कारण इस कार्य से क्षेत्रवासियों के साथ-साथ इस मार्ग से गुजरने वाले कई गांवों के नागरिकों को भारी मानसिक परेशानी उठानी पड़ रही है। बनाये जा रहे सीमेंट के रास्तों की चौडाई लगभग ग्यारह से साढ़े ग्यारह फीट तथा बहुत ही खराब हालत में हैं। परभणी-हिंगोली के दो जिलों को जोड़ने वाला पूर्णा-नांदेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग और पूर्णा-हयातनगर मार्ग भी पिछले पांच साल पांच महीने यानी करीब साढ़े पांच साल से भयंकर समस्याओं से जूझ रहा है।


पूर्णा में रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण संयुक्त उद्यम कंपनियों मेसर्स डीसीएस पी.वी.राव और इसकी उप-संयुक्त उद्यम कंपनियों गैलकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 27 अगस्त 2019 को 96 करोड़ 66 लाख 35 हजार 757 करोड़ रुपये की लागत से इस रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। महाराष्ट्र रेल अवसंरचना विकास निगम (एमआईआरडीसी) के अंतर्गत  रेलवे फ्लाईओवर और उसके आसपास की वैकल्पिक सीमेंट सड़कों का निर्माण भी उच्च गुणवत्ता वाला और मजबूत हो यह सुनिश्चित करने के लिए बजट के अनुसार,एमआईआरडीसी ने डीजीएम राकेश शर्मा इंजीनियर भूषण गिरी के साथ-साथ गैलकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल को नियुक्त किया है। संबंधित एमआईआरडीसी नियुक्त इंजिनिअर भुषण गिरी इनके द्वारा आसपास के इलाकों में सीमेंट की सड़कों के निर्माण की  जाणबुझकर अनदेखी की जा रही है। रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण में इंजीनियर भूषण गिरी और संबंधित रेलवे फ्लाईओवर निर्माण कंपनियों ने बजट का उल्लंघन कर रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण और वैकल्पिक सीमेंट सड़कों का घटिया निर्माण शुरू कर दिया हैं  पिछले २०२३ साल रेलवे अपराध नियंत्रण प्रशासन ने रेलवे फ्लाईओवर के करीब सात से आठ घटिया क्वालिटी के खंभों को गिरा दिया था। इसके बाद उम्मीद कि जारही थी कि रेलवे फ्लाईओवर के साथ-साथ आसपास वैकल्पिक सीमेंट रोड बनाने के कार्य में सुधार होगा लेकिन इंजीनियर भूषण गिरी द्वारा गैल्कोन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और आरएसवी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ हात मिलाकर रेलवे फ्लाईओवर और आसपास के वैकल्पिक सीमेंट सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को बढावा दिया गया है।

पूर्णा-नांदेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिंगोली गेट क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे फ्लाईओवर के चारों ओर सीमेंट सड़कों के निर्माण के संबंध में हमने 19 जनवरी 2025 को वरिष्ठ डिजीएम राकेश शर्मा से मोबाइल पर संपर्क किया और वैकल्पिक सीमेंट सड़कों की चौड़ाई के बारे में पूछा। उन्होंने कहा वैकल्पिक सीमेंट सड़कों की चौड़ाई 15 फीट है। लेकिन हकीकत में देखा गया है कि इन सीमेंट सड़कों की चौड़ाई सिर्फ ग्यारह से साढ़े ग्यारह फीट है। सीमेंट सड़कों के निर्माण से पुर्व खुदाई कर के सडक की मजबूती के लिये कुचले हुए काले पत्थर से बनी कृत्रिम रेत क्रशसॅड का इस्तेमाल किया जाणा जरुरी था मगर रेत की जगह मुंहासा एवंम खुदाई से निकली मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहां हैं जीन्स वजह से यह सिमेंट सडक का निर्माण बहुत घटिया होता दिखाई दे रहां हैं इसलिए पूर्णा-हयातनगर,परभणी-हिंगोली इन दोनों जिलों को जोड़ने वाले मध्य मार्ग पर स्थित अडगांव,बरबड़ी,सुहागन और अव्हई गांवों के साथ-साथ पूर्णा-पांगरा ढोने मार्ग पर स्थित मरसूल,लोखंडे पिंपला,डाखोरे वाई, हिवरा और लहान लोन गांवों के कई ग्रामीण निवासी एवंम किसानो को इस सडक से आवागमन करते समय बहोत सी कठीनाईयों का सामना करणा पडेगा उससे भी बड़ी बात यह है कि इन गांवों के गन्ना किसानों को माल ढोने के लिए बहुत सी दिक्कतो का सामनाभी करना पड़ेगा पूर्णा में बलिराजा शुगर फैक्ट्री और वस्मत में पूर्णा सहकारी शुगर फैक्ट्री को गन्ना आपूर्ति की जाती है। इसलिए भविष्य में पूर्णा तालुका के लोगों को इस रेलवे फ्लाईओवर और आसपास की सीमेंट सड़कों के कारण अनगीनत दुर्घटनाओं सेभी गुजरणा पड सकता हैं भारतीय रेल प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द इस की जांच करणी चाहीए ऐसी मांग पुर्णा तहसिल निवासीयों द्वारा की जा रहीं हैं..........

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