🌟खराब निर्माण कार्य को छिपाने के लिए आंशिक फ्लाईओवर ब्रिज की तत्काल पेंटिंग के साथ फटे घटिया निर्माण पर सीमेंट प्लास्टर🌟
पूर्णा-नांदेड़ राज्य महामार्ग पर हिंगोली रेलवे गेट क्षेत्र में पांच साल पहले महारेल (एमआईआरडीसी) के तहत एक रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण 27 अगस्त 2019 को शुरू हुआ था। 96 करोड 66 लाख 35 हजार 757 रुपये का टेंडर शुरू में एम/एस डीसीएस - पी.वी. राव (जेवी) दिया गया था लेकिन उक्त ठेकेदार द्वारा काम पुर्णा होणे से पुर्व फ्लाईओवर का निर्माण कार्य फिर से उप-ठेकेदार गैलकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया
इसके बाद तीसरी बार महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण का टेंडर दिया गया, इसलिए तीन ठेकेदार बदलने के बाद भी रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण पूरा नहीं हुआ, लेकिन काम की गुणवत्ता भी गिरावट आई और संबंधित रेलवे फ्लाईओवर निर्माण कंपनियों ने स्थानीय राजस्व प्रशासन के भ्रष्ट नौकरशाह एवंम तस्कर माफियांना के साथ मिलकर सरकारी गौण खनिज संपत्ती रेत को अपने अधीन कर लिया, जब तस्कर/माफिया मिलकर रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण के लिए करोड़ों रुपये की अवैध चोरी की रेत खरीदते हैं और सरकार को चुना लगाकर उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा 'आम तो आम गुठलियों के दाम' इस निती को अपणाया जा रहा हैं
हमने एक आम जागरूक नागरिक के रूप में 05 अगस्त 2024 को एक लिखित शिकायत के माध्यम से तहसीलदार माधवराव बोथिकर का ध्यान आकर्षित किया कि पूर्णा-पांगरा रोडपर दूरसंचार विभाग के कार्यालय के सामने मिक्सर प्लांट में लगभग 1400 से 1500 ब्रास अवैध चोरी की रेत का भंडारण किया गया हैं लेकिन उक्त शिकायती आवेदन को खारिज कर दिया गया।तहसीलदार माधवराव बोथीकर के अकुशल प्रशासन के खिलाफ हमने 27 अगस्त 2024 को उक्त घटना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षीत करणे के लिये पुरजोर तरीके से लिखने के बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया। मीडिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए संबंधित रेलवे फ्लाईओवर निर्माण समूह कंपनी के साथ हितों को साधने के लिए नाटकीय कार्रवाई की गई केवल 450 ब्रास रेत दिखाकर ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का नाटक किया गया, शिकायत आवेदन प्राप्त होने के बाद तत्काल कार्रवाई किया जाणा जरुरी था मगर तहसीलदार बोथिकर द्वारा रेलवे फ्लाईओवर निर्माण ठेकेदार कंपनी महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को अपने कब्जे में लेने के लिए लाभकारी था और रेत स्टॉक की जब्ती से संबंधित था।
पिछले पांच वर्षों से पूर्णा-नांदेड़ राज्य महामार्ग पर हिंगोली गेट क्षेत्र में चल रहे रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण के कारण, क्षेत्र में जनजीवन भी बाधित हो गया है और इस रेलवे फ्लाईओवर के आसपास वैकल्पिक मार्ग आम जनता और वाहन चालकों के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं जनता की मांग है कि भारतीय रेलवे प्रशासन इस रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण की गहन जांच निर्माण विशेषज्ञों की उपस्थिति से कराए और संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
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